Wednesday, March 16, 2011

जीवन पानी का बुलबुला

अपनी पहली कविता पे मिले आपके स्नेह और प्रेम से प्रेरित होके में दुबारा एक कविता लिखने की कोशिश कर रहा हूँ, उम्मीद है आपको पसंद आएगी और अगर नहीं आये, तोह में पहले ही बोल देता हूँ "सॉरी शक्तिमान"!

कविता का शीर्षक है "जीवन पानी का बुलबुला " इसे शुरू करने से पहले दो पंक्तिया कहना चाहता हूँ -


"की वोह काम न कर सके, जिसे हम सोच के घर से चले थे;
सादा पानी तो मिला नहीं, लेके हम बिसलेरी के सपने चले थे"!

कविता का आनंद उठाएं!


जीवन पानी का बुलबुला 
यहाँ हर किसी को कुछ का न कुछ मिला, 
किसी को मुक्कदर से, तोह किसी को वक़्त से,
रखा हर किसी ने अपने मन में कुछ गिला 
जीवन पानी का बुलबुला

किसी ने खुशियाँ देखि सपनो में,
किसी ने खुशियाँ देखि अपनों में,
जहाँ सारी खुशियाँ मिल जाये 
दर वोह हमें आज तक नहीं मिला 
जीवन पानी का बुलबुला 
यहाँ हर किसी को कुछ न कुछ गिला

कोई अपने दुखो से दुखी था 
कोई दुसरो के सुखो से दुखी था 
जिसने दुखो को हँस के अपना लिया 
उसे लगा जीवन हंसी का सिलसिला 
जीवन पानी का बुलबुला 
यहाँ हर किसी को कुछ न कुछ गिला

जब भरत ने सोचा, आखिर क्या थी इस बुलबुले की सचाई 
तोह सिर्फ इतनी सी बात उसके समज में आई...
जब चाह छोड़ी, तब चिंता मिटी, रखा न कोई गिला
हँसते रहे, माँगा न कुछ, वक़्त से सबकुछ मिला 
जीवन पानी का बुलबुला 
यहाँ हर किसी को कुछ न कुछ गिला
 

अगर मेरी कविता ने दिया आपको दिया थोडा हिला 
तोह मुझे कमेन्ट भेज कर, ज़रुर कर दे इक्तिला 
जीवन पानी का बुलबुला, टाइम पास के लिए करते रहें गिला!




- आल कॉपी राईट रेसेर्वे - भरत मदान

10 comments:

  1. mast kavita ha....sachai likhi ha ...aise aap likhte rahe...n bisleri ka paani peete rahe:)

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  2. gud one bro.. maja aa gya padh ke ..zeevan ki sachaai byan kar di tune apne shabdon se ..

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  3. dil ko chu liya bhai teri kavita ne ..mujhe bas ab kavita hi kavita yaad aa rahi hai ..

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  4. Bharat!dil khush ho gaya.bahut achi kavita hai.never knew u write in hindi too.please aage aur bhi likte rehna and post it on fb.keep it up!

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  5. Nice dude, Shows your complete personality.....keep it up......

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  6. Gr8 job Bharat!! Keep it up!!!

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  7. Wah.kafhi grehi kavita likhi hai ,gr8 BHARAT keep writin more

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  8. bhai jaan MBA ke saath-2 kavitayen good.sahi hai 2-4 aur likho

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  9. mus tkavia yar, dil mein sama gayi yar...........

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  10. Dobara mat likhna....plzzz....

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