अजीब सी जिंदगी जिए जा रहें हैं
फ़िज़ूल की BC किये जा रहें हैं
जब हर मुराद पूरी नही हो सकती,
सपने क्यूँ लगातार सिये जा रहें हैं
अजीब सी जिंदगी जिए जा रहें हैं
फ़िज़ूल की BC कियें जा रहें हैं
किस चीज़ की चाहत थी, क्या पा रहें हैं,
confused इछाओं की inventory बढ़ा रहें हैं
खुद को समझने का वक़्त ही नहीं नीकाला,
बस इस जुर्म की सजा पा रहें हैं,
अजीब सी जिंदगी जिए जा रहें हैं
फ़िज़ूल की BC कियें जा रहें हैं
जिसे चाहते थे, उसे पा नहीं रहें हैं,
जिसे पाया, उसे चाह नहीं रहें हैं,
जब "यह सच्चाई" हुई मुह से स्लिप,
बस "Regret -e -Emails" लिखे जा रहें हैं
अजीब सी जिंदगी जिए जा रहे हैं
फ़िज़ूल की BC कियें जा रहे हैं
हताश, निराश, पूछ बैठे हम Dr. GOOGLE से,
"ओह ददु" कौनो इलाज बताएं, हम अधूरी इछाओं को कैसे पाएं ??
देख हमरा सवाल, "Googlewa Tensionaya"
और मिनटों में सामने से जवाब आया:,
भाई, हम भी तेरी तरह ही जिए जा रहें हैं,
सिर्फ सवाल ही सवाल पीये जा रहें हैं,
जवाब तो बवुआ Facebook पे शेयर हो रहें हैं,
यहाँ तो बस "मुफ्त की सहायता" दिए जा रहें हैं,
अजीब सी जिंदगी जिए जा रहें हैं
फ़िज़ूल की BC कियें जा रहें हैं
कहते हैं, लिखने वाले का दिल, कभी पढने वाले से बड़ा नहीं होता,
comment करने से, ऐ - Reader तेरा मुक़दर बुरा नहीं होता,
है मुश्किल और अजीब, पर हैं यकीं की आप ज़िन्दगी जियें जा रहें हैं,
चाहे फ़िज़ूल ही सही, मेरी कविता पढ़ लम्हों का आनंद लिए जा रहें हैं,
आपके स्नेह और प्यार का बहोत आभारी, शक्ल से लगता हूँ पर हूँ नहीं भिकारी:
भरत मदान - (all copy rights reserved)